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Khajoor se Roza Kholna: खजूर से रोजा क्यों खोला जाता है? रमजान में खजूर की अहमियत और फायदे

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Khajoor se Roza Kholna: खजूर से रोजा क्यों खोला जाता है? रमजान में खजूर की अहमियत और फायदे

Iftar with dates: रमजान का पवित्र महीना मुसलमानों के लिए आध्यात्मिक और शारीरिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में रोजेदार सहरी और इफ्तार के समय खजूर का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रोजा खोलने के लिए खजूर को ही क्यों चुना जाता है? इस लेख में हम आपको खजूर से रोजा खोलने की वजह, इसके धार्मिक महत्व, और वैज्ञानिक फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

रमजान में खजूर का महत्व

रमजान के दौरान खजूर का सेवन करना सुन्नत माना जाता है। इस्लामिक विद्वान मुफ्ती सलाउद्दीन कासमी के अनुसार, पैगंबर हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) खजूर से ही रोजा खोलते थे। उनकी इस आदत को मुसलमानों ने अपनाया और तब से यह परंपरा चली आ रही है।

सुन्नत क्या है?

इस्लाम में सुन्नत का मतलब है पैगंबर मुहम्मद के तरीकों और आदतों का पालन करना। सुन्नत को करना जरूरी नहीं है, लेकिन इसे अपनाने पर अतिरिक्त पुण्य (सवाब) मिलता है। खजूर से रोजा खोलना भी एक सुन्नत है, जिसे मुसलमान पूरे विश्व में अपनाते हैं।

खजूर से रोजा खोलने के वैज्ञानिक फायदे

खजूर न केवल धार्मिक तौर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके कई वैज्ञानिक फायदे भी हैं। रोजे के दौरान शरीर को लंबे समय तक भूखा और प्यासा रहना पड़ता है, जिससे एनर्जी लेवल कम हो जाता है। खजूर में प्राकृतिक शुगर, फाइबर, और पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं।

खजूर के मुख्य फायदे:

  • तुरंत ऊर्जा प्रदान करना: खजूर में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज होता है, जो शरीर को तुरंत एनर्जी देता है।
  • पाचन तंत्र को मजबूत करना: इसमें मौजूद फाइबर पाचन को दुरुस्त रखता है।
  • थकान और सिरदर्द से राहत: रोजे के बाद होने वाली कमजोरी और सिरदर्द को दूर करने में मददगार।

कुरआन में खजूर का जिक्र

कुरआन में खजूर का 22 बार जिक्र किया गया है, जो इसके धार्मिक महत्व को दर्शाता है। सूरह मरियम में अल्लाह ने मरियम (अलैहिस्सलाम) को ईसा (अलैहिस्सलाम) के जन्म के दौरान खजूर खाने का निर्देश दिया था। यह इस बात का प्रमाण है कि खजूर न केवल पौष्टिक है, बल्कि इस्लाम में इसकी विशेष महत्ता है।

कुरआन में खजूर का उल्लेख:

  • सूरह मरियम, आयत 25
  • सूरह अबसा, आयत 29
  • सूरह अल-रहमान, आयत 68
  • सूरह अल-अनाम
  • सूरह अल-मोमिनुन, आयत 19

इफ्तार में कितने खजूर खाना चाहिए?

पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) तीन खजूर खाकर रोजा खोलते थे। हदीस में इसका उल्लेख मिलता है कि वे नमाज से पहले पके हुए खजूर खाते थे। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि आप तीन ही खजूर खाएं। आप अपनी सुविधा के अनुसार एक या दो खजूर भी खा सकते हैं।

पैगंबर मुहम्मद और खजूर

सही अल-बुखारी (5445) में बुखारी और अबू दाऊद ने बताया है कि पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा: “जो कोई सुबह सात अजवा खजूर खाता है, उसे उस दिन किसी भी जहर या जादू टोने से नुकसान नहीं होगा।”

क्या खजूर के बिना रोजा खोल सकते हैं?

खजूर से रोजा खोलना सुन्नत है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। अगर खजूर उपलब्ध न हो, तो आप पानी या किसी अन्य हलाल चीज़ से भी रोजा खोल सकते हैं। हालांकि, खजूर का सेवन करना बेहतर माना जाता है।

खजूर के प्रकार और उनका महत्व

खजूर कई प्रकार के होते हैं, जैसे अजवा, मेडजूल, और डेगलेट नूर। अजवा खजूर को सबसे उत्तम माना जाता है और यह पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) द्वारा पसंद किया जाता था।

खजूर के प्रकार:

  1. अजवा खजूर: सबसे महंगा और पौष्टिक।
  2. मेडजूल खजूर: बड़े आकार और मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है।
  3. डेगलेट नूर: नरम और रसीले होते हैं।

रमजान में खजूर से रोजा खोलना न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। खजूर शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और रोजे के बाद होने वाली कमजोरी को दूर करता है। इस्लाम में इसकी अहमियत कुरआन और हदीस में भी बताई गई है। इसलिए, रमजान के दौरान खजूर का सेवन करना एक बेहतरीन आदत है।

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MTV

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